5G नेटवर्क के बारे में तो हम में से बहुत सारे लोगों ने बहुत अफवाह सुनी होगी के ये टेक्नोलॉजी हमारे सेहत के लिए सही नहीं है. और परिंदों के लिए भी सही नहीं है. इन सब दावों का कोई सबूत नहीं है, 5G एक अच्छा टेक्नोलॉजी है जो आगे जाकर हमें बहुत फायदा पहुंचाएगा.
5G क्या है ?
पांच वि जनरेशन के मोबाइल के नेटवर्क को ही हम 5G कहते है. फिलहाल हम 4G मोबाइल को इस्तेमाल कर रहे है. 2019 से 5G नेटवर्क को हर देश में आम करना शुरू किया गया है.
4G जब इतना अच्छा काम कर रहा है तो 5G को ज़रूरत क्यों महसूस हुई है ?
कोई भी चीज़ 100 प्रतिशत अच्छी नहीं होती, कुछ न कुछ कमियां इनमे होते है. 1G से लेकर 4G तक एक के बाद एक को बेहतर बनाया गया था. स्पीड, अच्छा नेटवर्क और अच्छा डाटा हमें मिलने लगे.
टेक्नोलॉजी जिस तरह आगे बढ़ रही है उसके हिसाब से हमें भी अपडेट होना पड़ेगा.
5G का अविष्कार किसने किया ?
किसी एक कंपनी ने 5G को नहीं बनाया है, बल्कि 3rd जनरेशन पार्टनरशिप प्रोजेक्ट (3GPP) नाम के संस्ता के तेहत बनाया गया है.
साल 2008 में सबसे पहले नासा ने 5G टेक्नोलॉजी पर काम करना शुरू किया था. इसी साल में साउथ कोरिया ने भी 5G मोबाइल कम्युनिकेशन सिस्टम पर करना शुरू किया था.
2012 में 5G के लिए “स्माल सेल” टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करना शुरू किया गया था. इस टेक्नोलॉजी के ज़रिये यूजर को 4G से कई गुनाह ज़्यादा नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड देखने को मिलेगा.
2013 में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने पहली बार 5G को डेवेलोप करने का दावा किया था. सैमसंग ने ये दावा भी किया के ये टेक्नोलॉजी डेटा बहुत तेज़ी के साथ ट्रांसफर करता है. खरीब 2 किलोमीटर के दूरी पर भी 1GB के स्पीड से डाटा ट्रांसफर करने का दावा किया था.
अक्टूबर 1, 2013 में जापान की निप्पन टेलीग्राफ एंड टेलीफोन (NTT) कंपनी ने दुनिया का सबसे पहला 5G नेटवर्क को शुरू किया था. अप्रैल 3, 2019 में साउथ कोरिया ने पहला ऐसा देश बन गया जिसने 5G टेक्नोलॉजी की सर्विस यूजर को देना शुरू करदिया था.
साउथ कोरिया चाहता था वो 5G सर्विसेज को यूजर को देने वालों में पहला देश बन जाये. इसीलिए देश के सिर्फ 6 सेलिब्रिटीज को 5G टेक्नोलॉजी की सर्विसेस दिया था.
इसी दिन साउथ कोरिया के टेलीकम्यूनिकेशन कम्पनीज ने 40,000 यूज़र्स को 5G सर्विसेस देना शुरू किया था. USA की वेराइज़ोन (Verizon) भी इसी दिन 5G सर्विसेस को शुरू किया था, लोगों का मानना है के पहले साउथ कोरिया बाद में USA ने शुरू किया.
5G काम कैसे करता है ?
5G नेटवर्क एक जगह को छोटे छोटे टुकड़ों में बाँट देता है जिन्हे हम सेल्स कहते है. ये नेटवर्क रेडियो वेव्स के ज़रिये जुड़े हुए होते है. हमारा फ़ोन डाटा को एनालॉग से डिजिटल में बदल देता है.
हमारे सारे सेल टावर्स एक दूसरे से केबल के ज़रिये जुड़े हुए होते है. जब डिजिटल सिग्नल एक फ़ोन के ऐन्टेना से निकलता है तो उस सेल का टावर उसे रिसीव करके अगले टावर तक पहुंचदेता है.
फिर दूसरा टावर इन डिजिटल सिग्नल को फ़ोन तक पहुंचता है. डिजिटल सिग्नल्स वापस से एनालॉग में बदल कर यूजर के फ़ोन में पहुंचते है.
5G और 4G में क्या अंतर है ?
1) 5G एक स्क्वायर किलो मीटर में 10 लाख डिवाइसेस को सपोर्ट करता है, 4G सिर्फ 1 लाख डिवाइसेस को सपोर्ट करता है.
2) 5G को इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स IOT में बड़ी आसानी के सात इस्तेमाल कर सकते है.
3) 5G में लटेंसी भी बहुत काम होती है.
5G और हेल्थ :
पिछले कुछ दिनों में 5G को लेकर बहुत सारे बातें सुन ने को मिल रही है. बहुत सारे लोग ये मानते है के 5G वेव्स के कारन हम कैंसर और दूसरे भयानक बिमारियों के हवाले होजाएंगे.
वैज्ञानिकों का कहना है के ऐसा कोई सबूत नहीं है जिस से ये साबित होजाये के 5G हमारे लिए खतरा साबित हो सकता है.
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