कीबोर्ड का आविष्कार किसने किया – Who Invented Keyboard in Hindi?

एक ज़माना था जहा हर ज़रूरी चीज़ को पेपर पर लिखा जाता था. अगर उन पेपर्स को कुछ हो गया तो सारी जानकारी एक ही झटके में ख़तम होजाती थी.

वक़्त बदला और वैज्ञानिकों ने टाइपराइटर का अविष्कार किया और फिर आज कंप्यूटर का अविष्कार हुआ जो आज कल हर घर में मौजूद है.

टाइपराइटर, कंप्यूटर में एक कॉमन चीज़ है वो है कीबोर्ड. कैसे कीबोर्ड का अविष्कार हुआ था.

पंच कार्ड्स, पेपर टेप को कीबोर्ड के पूर्वज माना जाता है. 1970 से कीबोर्ड को इस्तेमाल करना शुरू किया गया था.

कीबोर्ड का अविष्कार:

कीबोर्ड को वैज्ञानिकों ने अलग से अविष्कार नहीं किया था. 16 वि सदी से काई वैज्ञानिकों ने टाइपराइटर को बनाने में लग गए थे. जब टाइपराइटर बाना रहे थे तो उसमे कीबोर्ड पहलेसे ही शामिल था.

19 वि सदी में विलियम ऑस्टिन बर्ट नाम के अविष्कारक ने पहली बार टाइपराइटर को बनाया था जिसमे कीबोर्ड भी था. लेकिन ये टाइपराइटर बहुत आहिस्ता होने के कारन से नाकाम हो गया था.

पहली बार जब कीबोर्ड को बनाने लगे थे तो सिर्फ लेटर्स ही हुआ करते थे. नंबर्स काफी दिनों तक जोड़ा नहीं गया था.

टाइपराइटर में जब काफी सारे बदलाव किया गए और अच्छे टाइपराइटर को बनाये गए तो वैज्ञानिकों ने देखा के स्माल और कैपिटल लेटर्स को और नंबर्स को जोड़ना चाहिए.

कीबोर्ड में जितने बदलाव होना था सारे के के टाइपराइटर के दौर में ही हुए थे. कंप्यूटर के अविष्कार तक कीबोर्ड एक तरह से पूरी तरह से तैयार था.

क्वर्टी कीबोर्ड:

हम अगर अपने कीबोर्ड को गौर से देखें तो शुरुवात के 6 अक्षर मिलाने पर Qwerty (क्वर्टी) नाम बनता है. इसी नाम से क्वर्टी कीबोर्ड का जन्म हुआ था.

कंप्यूटर के कीबोर्ड में सारे अक्षर इधर उधर होते है, सारे एक के बाद एक नहीं होते है. टाइपराइटर के कीबोर्ड में सारे अक्षर A से लेकर Z तक एक साथ होते थे, जैसा के ABCDEFGH और कंप्यूटर के कीबोर्ड में QWERTY होते है.

टाइपराइटर के दौर में जब टाइप करते तो बटन्स काफी बार अटक जाते थे. इसकी असली वजह ये थी के लोग बहुत फ़ास्ट टाइप करते थे और टाइपराइटर में कीबोर्ड के अक्षर लीवर से जुड़े हुए होते है. ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले सारे एक तरफ हो रहे थे और कम इस्तेमाल होने वाले लेटर्स एक तरफ होते थे.

साल 1868 में क्रिस्टोफर लाथम शॉल्स नाम के वैज्ञानिक ने अपने सतियों के सात मिलकर टाइपिंग को स्लो करने के लिए कीबोर्ड के अक्षर इधर उधर करदिया था.

कीबोर्ड में सुधार:

शुरू ज़माने में TAB, SHIFT, ESC जैसे बटन्स हुआ नहीं करते थे. वक़्त के सात इनको जोड़ दिया गया था. आज कल के कीबोर्ड में भी काफी सारे बदलाव आ गये है.

वीडियो गेम्स खेलने के लिए गेमिंग कीबोर्ड भी मौजूद है. रात में अँधेरे में काम करने के लिए बैकलिट (Backlit) कीबोर्ड भी मौजूद है.

वक़्त बदला और वैज्ञानिकों ने टाइपराइटर का अविष्कार किया और फिर आज कंप्यूटर का अविष्कार हुआ जो आज कल हर घर में मौजूद है.

टाइपराइटर, कंप्यूटर में एक कॉमन चीज़ है वो है कीबोर्ड. कैसे कीबोर्ड का अविष्कार हुआ था.

पंच कार्ड्स, पेपर टेप को कीबोर्ड के पूर्वज माना जाता है. 1970 से कीबोर्ड को इस्तेमाल करना शुरू किया गया था.

कीबोर्ड का अविष्कार:

कीबोर्ड को वैज्ञानिकों ने अलग से अविष्कार नहीं किया था. 16 वि सदी से काई वैज्ञानिकों ने टाइपराइटर को बनाने में लग गए थे. जब टाइपराइटर बाना रहे थे तो उसमे कीबोर्ड पहलेसे ही शामिल था.

19 वि सदी में विलियम ऑस्टिन बर्ट नाम के अविष्कारक ने पहली बार टाइपराइटर को बनाया था जिसमे कीबोर्ड भी था. लेकिन ये टाइपराइटर बहुत आहिस्ता होने के कारन से नाकाम हो गया था.

पहली बार जब कीबोर्ड को बनाने लगे थे तो सिर्फ लेटर्स ही हुआ करते थे. नंबर्स काफी दिनों तक जोड़ा नहीं गया था.

टाइपराइटर में जब काफी सारे बदलाव किया गए और अच्छे टाइपराइटर को बनाये गए तो वैज्ञानिकों ने देखा के स्माल और कैपिटल लेटर्स को और नंबर्स को जोड़ना चाहिए.

कीबोर्ड में जितने बदलाव होना था सारे के के टाइपराइटर के दौर में ही हुए थे. कंप्यूटर के अविष्कार तक कीबोर्ड एक तरह से पूरी तरह से तैयार था.

क्वर्टी कीबोर्ड:

हम अगर अपने कीबोर्ड को गौर से देखें तो शुरुवात के 6 अक्षर मिलाने पर Qwerty (क्वर्टी) नाम बनता है. इसी नाम से क्वर्टी कीबोर्ड का जन्म हुआ था.

कंप्यूटर के कीबोर्ड में सारे अक्षर इधर उधर होते है, सारे एक के बाद एक नहीं होते है. टाइपराइटर के कीबोर्ड में सारे अक्षर A से लेकर Z तक एक साथ होते थे, जैसा के ABCDEFGH और कंप्यूटर के कीबोर्ड में QWERTY होते है.

टाइपराइटर के दौर में जब टाइप करते तो बटन्स काफी बार अटक जाते थे. इसकी असली वजह ये थी के लोग बहुत फ़ास्ट टाइप करते थे और टाइपराइटर में कीबोर्ड के अक्षर लीवर से जुड़े हुए होते है. ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले सारे एक तरफ हो रहे थे और कम इस्तेमाल होने वाले लेटर्स एक तरफ होते थे.

साल 1868 में क्रिस्टोफर लाथम शॉल्स नाम के वैज्ञानिक ने अपने सतियों के सात मिलकर टाइपिंग को स्लो करने के लिए कीबोर्ड के अक्षर इधर उधर करदिया था.

कीबोर्ड में सुधार:

शुरू ज़माने में TAB, SHIFT, ESC जैसे बटन्स हुआ नहीं करते थे. वक़्त के सात इनको जोड़ दिया गया था. आज कल के कीबोर्ड में भी काफी सारे बदलाव आ गये है.

वीडियो गेम्स खेलने के लिए गेमिंग कीबोर्ड भी मौजूद है. रात में अँधेरे में काम करने के लिए बैकलिट (Backlit) कीबोर्ड भी मौजूद है.

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