Who Invented zero in Hindi ? जीरो का आविष्कार किसने किया ?

Zero in Egypt:

शुरू ज़माने में ग्रीक्स ये सोंचा करते थे के कैसे जीरो की वैल्यू होसकती है ? जब के ज़ीरो का मतलब ही कुछ नहीं है.

खरीब 3000 BC में प्राचीन Egypt में हीरोग्लिफ ( Hieroglyph ) में नंबर्स को लिखा करते थे. 1 , 10 ,100, 1000, 10000 , 100000 और 1000000 (दस लाख) के अलग अलग सिम्बल्स हुआ करते थे. उदाहरण के तौर पर 112 लिखना हो तो इस तरह लिखते थे.

इसके बाद बब्य्लोनियंस ने सेक्सग्रेसिमल ( Sexa gesimal ) सिस्टम इस्तेमाल किया करते थे.ऐसा माना जाता है के इस सेक्सग्रेसिमल सिस्टम को  सुमेरियंस से लिया गया था. ग्रीक्स के नंबर सिस्टम कुछ इस तरह था जो बेबीलोनियन (Babylonian) न्यूमरल सिस्टम को देख कर बनाया गया था. माया सभ्यता में विगेसिमल (vigesimal) सिस्टम को उपयोग किया करते थे. 

लेकिन सबसे पहले ज़ीरो को एक नंबर की तरह इस्तेमाल करना इंडिया में शुरू किया गया था.

जिसे 5th सेंचुरी में आर्यभट ने इस्तेमाल किया था. जो इंडिया के बहुत ज़बरदस्त माथेमैटिशन रह चुके है.आर्यभट के बाद 7th सेंचुरी में ब्रह्मगुप्त ने ज़ीरो के रूल्स को वर्णन करके बताया था.

इसके अलावा ग्वालियर के चतुर्भुजा टेम्पल के पत्तरों पर भी ज़ीरो को लिखा गया था. इंडिया की सबसे पुरानी मैथेमेटिक्स की स्क्रिप्ट बख्शाली  मैनुस्क्रिप्ट में ज़ीरो को इस्तेमाल किया गया था. उस वक़्त ज़ीरो को एक डॉट (.) की तरह इस्तेमाल किया जाता था.

इंडिया से ज़ीरो चीन को पहुंचा और वहा से  मिडिल ईस्ट को पहुंचा मिडिल ईस्ट के ज़बरदस्त माथेमैटिशन मुहम्मद इब्न-मूसा  अल-खोवारिज़्मी ने ज़ीरो को डॉट से ओवल शेप में लिखना शुरू किया और अलजबरिक (Algebric) एक्वेशन्स  में इस्तेमाल करना शुरू किया. इसीलिए इसे हिन्दू–अरबिक न्यूमरल सिस्टम कहा जाता है.

ज़ीरो को यूरोप में क्रिस्टियन रिलीजियस लीडर्स ने विरोध किया था. उनका मानना था के खुदा ही सब कुछ है अगर कुछ भी नहीं है थो वो शैतान है जिसका मतलब ज़ीरो है और ज़ीरो को शैतानी मानते थे. लेकिन वहाँके व्यापारियों ने इसे चोरी से इस्तेमाल करना शुरू किया था.

करीब 1200 Ad में  इतालियन माथेमैटिशन फिबोनैकी (Fibonacci) ने यूरोप में ज़ीरो परिचय करवाया था. इंडिया से तक़रीबन 1000 साल बाद ज़ीरो यूरोप में इस्तेमाल किया गया था.

सबसे पहले ज़ीरो को इंडिया में शून्य बोला जाता था वहा से जब ये मिडिल ईस्ट पहुंचा थो वहा सिफर बोला जाता जो इटली पहुंचकर जेफेरो बनगया और  फ्रेंच में ज़ीरो और फिर इंग्लिश में ज़ीरो बोलना शुरू किया गया था.