Pendrive को अलग अलग नाम से जाना जाता है. जैसा के USB drive, Thumb drive, Jump drive, Flash drive, USB memory.
Pendrive के आविष्कार से पहले Floppy disk का इस्तेमाल किया जाता था. जिनकी मिनिमम स्टोरेज कैपेसिटी करीब 80 kb और मैक्सिमम स्टोरेज कैपेसिटी करीब 240 Mb था.
क्यों की Floppy disc एक मैग्नेटिक स्टोरेज है, इसलिए Electromagnetic interference हुआ करता था. इसके बाद CD’s का भी इस्तेमाल किया गया था. अगर CD’s पर लकीरें पद जाती थो इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता था.
इन सब परेशानियों का हल pen drive था. Pen drive का सबसे पहला पेटेंट 1999 में इसराइली कंपनी M- systems को मिला था. ये pen drive मुल्टी चिप डिज़ाइन था. Dec 15 2000 में IBM, M- systems के साथ मिलकर Disk On Key pen drive को बनाया था. जिसका स्टोरेज 8Mb था.
इस pendrive का एडवांस्ड वर्शन मलेशिया के Pua Khein Seng ने सिंगल चिप आधारित pendrive को बनाया था.
KS Pua ने अपनी डिग्री ताइवान में Electrical and control engineering में किया था. पढ़ाई ख़त्म होने के बाद अपने ही प्रोफेसर के कंपनी में काम किया था.
साल 2000 में K.S Pua ने Phison Electronics नाम की खुद की कंपनी को शुरू किया. इस कंपनी का सबसे पहला प्रोडक्ट 5 in 1 कार्ड रीडर था. साल 2002 में Pen drive नाम से पेटेंट दर्ज करवाया गया. क्यों की पेन को बहुत सारे लोग इस्तेमाल करते है इसीलिए इस डिवाइस को Pen drive नाम रखा गया था.
KS Pua को father of pen drive भी बोला जाता है. ये pen drives पूरे दुनिया में फेमस हो गये pen drive के सक्सेस के बाद Toshiba, M- systems जैसे बड़े बड़े कम्पनीज Phison Electronics में इन्वेस्ट करना शुरू किया.
आज pendrives के स्टोरेज में स्पीड में बहुत सारे बदलाव किये गए. अगर प्राइस की बात करूँ तो भी बहुत काम पैसों में ज़्यादा Gb वाले pen drives मिल जाते है.