पृध्वी पर आज 7.1 बिलियन लोग रहते है. हर कोई किसी न किसी काम से अपनी अपनी गाड़ियों को लेकर निकलते है. अगर सड़कों पर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम ना हो थो हम बस रोड्स पर ही फस जायेंगे.
ट्रैफिक लाइट से पहले ट्रैफिक पुलिस अपने हाथों का इस्तेमाल करके ट्रैफिक को कण्ट्रोल करते थे. ट्रैफिक लाइट का आईडिया रेलवे इंजीनियर JP Knight का था. ये आईडिया इन्हे रेलवे सिग्नल सिस्टम को देख कर आया था. इस ट्रैफिक लाइट का निर्माण रेलवे सिग्नल engineers Saxby & Farmer ने किया था.
ये ट्रैफिक लाइट्स गैस के ज़रिये चलते थे. सबसे पहला ट्रैफिक लाइट सिस्टम दिसंबर 9 1868 लंदन में शुरू किया गया था. दिन में ट्रैफिक को पिलर पर लगाए दोनों बाज़ुओं का इस्तेमाल करके कण्ट्रोल किया जाता, और रात में गैस से बनाये गए ट्रैफिक लाइट्स का इस्तेमाल किया जाता था. जिसमे सिर्फ रेड और ग्रीन कलर के लाइट्स हुआ करते जिसे एक पुलिस कांस्टेबल ऑपरेट करता था.
2 जनुअरी, 1869 में लाइट्स फूट जाने की वजह से ट्रैफिक कांस्टेबल को काफी सारे छोट आगये थे. इसके बाद ये गैस ट्रैफिक लाइट सिस्टम को बंद करदिया गया था.
अब बढ़ती ट्रैफिक के साथ रोड्स पर भीड़ बहुत ज़्यादा होजाती थी. इस ट्रैफिक को कण्ट्रोल में लाने के लिए 1912 में Lester Wire नाम के एक पुलिस अफसर ने पहली बार इलेक्ट्रिक लाइट सिस्टम को develop करना शुरू किया था. जिसका डिज़ाइन James hoge ने किया था. इस इलेक्ट्रिक ट्रैफिक लाइट सिस्टम को Aug 5, 1914 में install किया गया था.
इस सिस्टम के अंदर रेड और ग्रीन लाइट्स के साथ एक buzzer बजाया जाता था. ये buzzer रेड से ग्रीन, ग्रीन से रेड होनेसे पहले बजाया जाता था. ताके बीच रोड में जो गाड़िया है वो क्रॉस कर सके. लेकिन 4 जगह एक ही वक़्त में सिग्नल को बदलना ट्रैफिक पुलिस को मुश्किल होगया था.
इसलिए 1920 में Detroit के पुलिस अफसर William potts आटोमेटिक ट्रैफिक लाइट सिस्टम को बनाया और buzzer सिस्टम को हटाया उसके जगह अंबर (amber ) रंग की लाइट और टाइमर को लगाया. इसके बाद 3 रंग रेड, एम्बर, ग्रीन ट्रैफिक लाइट सिस्टम शुरू हुआ.
इस आटोमेटिक ट्रैफिक लाइट सिस्टम के बाद भी एक परेशानी ये हो रहीथी जब एक सिग्नल से दूसरा सिग्नल चेंज होता थो कुछ गाड़ियां बीच रोड में फस जाती जिसकी वजह से एक्सीडेंट्स होते. 1923 में अफ्रीकन-अमेरिकन Garrett Morgan T शेप का ट्रैफिक लाइट सिस्टम बनाया जो एक सिग्नल के ख़तम होने के बाद 4 दिशाओं के गाड़ियों को रोक देता ताके जो बीच रोड में गाड़ियाँ है वो दूसरी तरफ पहुँच जा सके.
कम्प्यूटर्स के आविष्कार के बाद ट्रैफिक लाइट सिस्टम्स में बहुत सारे बदलाव आगये. इंडिया में सबसे पहले ट्रैफिक लाइट सिस्टम 1953 में चेन्नाई के Egmore जंक्शन में शुरू किया था.