एक ज़माना था जब लोग मैसेज एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए इंसान को भेजते थे. ये इंसान भागता हुआ जाकर मैसेज को पहुंचकर आजाता था. इंसान से कबूतर, पोस्ट के ज़रिये खत भेजा जाता था. इन सब तरीकों में वक़्त बहुत ज़्यादा लगता था.
टेक्नोलॉजी भड़ने के बाद टेलीग्राफ के ज़रिये मेसेजस को भेजा जाता था. टेलीग्राफ मोर्स कोड का इस्तेमाल करके मेसेजस को एक जगह से दूसरी जगह को भेजता था.
लेकिन ये सब तरीखें थोड़े से मुश्किल थे. मोबाइल फ़ोन के अविष्कार के बाद इंसान कही से भी कॉल करसकता था.
हर बार कॉल करने की ज़रूरत महसूस नहीं होती, बस कुछ बात कहना होता है, इसके लिए छोटासा एक मैसेज काफी है.
एक तरह से SMS (शॉर्ट मैसेज सर्विस) को रेडियो टेलीग्राफी को देख कर ही बनाया गया था. 1985 में SMS Global System for Mobile Communications (GSM) का हिस्सा बन गया था.
SMS के अविष्कार किसने किया ?
1985 से मोबाइल फोन में SMS सर्विस को जोड़ने की चर्चा चलरही थी. साल 1992 में पहली बार यूनाइटेड किंगडम से वोडाफोन GSM नेटवर्क इस्तेमाल करके भेजा गया था. सबसे पहले भेजे जानेवाले मैसेज “मेर्री क्रिसमस (Merry christmas)” था.
SMS की सर्विस वॉइस कॉल सर्विस की तरह ही है.
1993 से ये सर्विस आम लोगों के लिए उपलब्ध होना शुरू होगयी थी. उस वक़्त के मोबाइल्स इस सर्विस को सपोर्ट नहीं किया करते थे. नोकिया ही ऐसी कंपनी थी जिसने पहली बार ऐसे फ़ोन बनाना शुरू किया था जिस से SMS को भेजा जा सके.
शुरुवात में इस सर्विस को बहुत कम लोग इस्तेमाल करते थे. उस वक़्त ये एक रोक लगायी गयी थी के यूजर सिर्फ अपने ही नेटवर्क वालों को मैसेज करसकता है. 1999 में ये पाबन्दी हटाई गयी थी.
साल 2000 बाद लोग SMS सर्विस को धीरे धीरे ज़्यादा इस्तेमाल करने लगे थे. 2010 के रिपोर्ट्स के मुताबिक एक सेकंड में 193,000
मेसेजस को भेजे गए थे, पूरे 2010 में 6.1 ट्रिलियन मेसेजस भेजे गए थे.
SMS से कंपनियों ने बहुत फायदा उठाया, 2010 में $114.6 बिलियन डॉलर को कमाया था. हम सोंच सकते है उस ज़माने में कंपनियों ने कितना कमाया होगा.
Whatsapp :
आज के ज़माने में कुछ लोगों को छोड़कर बाकी कोई भी SMS सर्विस को इस्तेमाल नहीं करते. इसका इस्तेमाल न के बराबर हो गया है इसका एक मुख्य कारण ये है के SMS भेजने के लिए मोबाइल फ़ोन कंपनी पैसा चार्ज करती है और रिचार्ज करवाने बोलती है.
बस इसी चीज़ का फायदा दूसरे कंपनियों ने उठाया Whatsapp और दूसरे मैसेज सर्विसेज को शुरू किया जो कि बिलकुल मुफ्त है.
मैसेज सर्विस काम कैसे करता है ?
मैसेज भी वॉइस कॉल की तरह ही काम करता है, सिमकार्ड केआर्टिकल में मैंने इसे बताया है.
जब हम मेसेजस को अपने मोबाइल को भेजते है तो वो रेडियो सिग्नल्स के रूप में होते है. रेडियो सिग्नल्स को सेल टावर्स रिसीव करते है. एक सेल टावर दूसरे सेल टावर को मेसेजस को भेजता है.
दूसरा सेल टावर वापस मैसेज को रेडियो सिग्नल के रूप में ट्रांसमिट करता है. इस रेडियो सिग्नल को मोबाइल का ऐन्टेना रिसीव करता है.
अगर मोबाइल फ़ोन बंद रहता है तो मैसेज कुछ देर के लिए रुकजाता है, फ़ोन जब उपलब्ध होता है तो मेसेजस डिलीवर होते है.
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