दुनियाभर में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले स्पोर्ट्स लीग्स में से IPL छठे स्थान पर है. 2010 में IPL दुनिया में सबसे पहले यूट्यूब पर लाइव दिखाए जाने वाला लीग बन गया. अब यह IPL शुरू कैसे हुआ ?
क्रिकेट के ज़रिये से इंडिया में 10 बिलियन रुपये कमाए जाते है. इसीलिए एस्सेल ग्रुप के फाउंडर सुबाष चंद्र ने सोचा के एक प्राइवेट क्रिकेट लीग को शुरू किया जाये जिससे नए क्रिकेटर को भी मौका मिलेगा.
2007 में एस्सेल ग्रुप की सहायक Zee Entertainment Enterprises के फंडिंग से ICL (इंडियन क्रिकेट लीग) को स्थापित किया गया था. BCCI ने इस क्रिकेट लीग को मान्यता देने से इंकार किया था. BCCI के कुछ कमेटी मेंबर्स ICL में जुड़ने लगे, उस वक़्त BCCI ने ये कहा के कमेटी मेंबर्स एक वक़्त दो जगह काम नहीं कर सकते.
BCCI के विरोध के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल (ICC) ने भी ICL क्रिकेट लीग को मान्यता नहीं दिया था. इसी दौरान ICC वर्ल्ड कप टेलीकास्ट राइट्स (Telecast rights) के लिए जब zee ने सबसे ज़्यादा बोली लगाई फिर भी राइट्स zee को नहीं मिले थे. BCCI ने बताया के zee को स्पोर्ट्स मार्केटिंग का अनुभव नहीं है.
ICL क्रिकेट लीग को खेलने के लिए मैदान का मिलना भी मुश्किल हो गया था. उस वक़्त के इंडियन रेलवे के प्रधान लालू प्रसाद यादव ने ICL का साथ दिया. जितने मैदान इंडियन रेलवे के नियंत्रण में थे वो ICL को दिया.
ICL में खेलने से रोकने के लिए BCCI ने अपने खिलाड़ियों की डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स की प्राइसमनी बड़ा दी. इसके साथ एक मैच का प्राइस 16000 से 35000 बड़ा दिया गया था.जो भी प्लेयर्स ICL में खेलेंगे उन पर लाइफ टाइम प्रतिबंध को लागू करने का आदेश दिया.
अगस्त 2007 में ICL ने BCCI के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जीत ICL की ही हुई लेकिन कोई भी प्लेयर ICL के लिए खेलकर अपने करियर को खतरे में डालना नहीं चाहता था.
BCCI ने ललित मोदी को एक नया 20 – 20 लीग शुरू करने को कहा जो ICL को टक्कर देसके. ललित मोदी ने अप्रैल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग को शुरुवात किया.
IPl के शुरुवात के बाद से लेकर अब तक बहुत सारे विवाद हुए. थो ये था ipl के शुरुआत के बारे में और आज पूरे देश में इसे बहुत पसंद से देखते है.