कैलेंडर का आविष्कार किसने किया ? Who invented Calendar in Hindi?

History of calendar :

शुरू ज़माने में लोग 2 रात के बीच आने वाले दिन को डे (Day) की तरह और इसी तरह दो पूर्णचंद्र (Full moon) के बीच आने वाले दिनों को महीने (Month) की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया था. जिसे हम लूनर कैलेंडर (Lunar Calendar) कहते है. अब इसके बाद उन लोगों को ये पता लगाना ज़रूरी था के एक साल में कितने दिन होते है ताकि आने वाले मौसम के मुताबिक अपने फसल को उगा सके.

इसका हल उस ज़माने में लोगों ने रात में दिखने वाले स्टार्स (Stars) को देख कर निकाला. जिसे हम सोलर कैलेंडर कहते है.क्यूँ की पृध्वी का स्थान ऑर्बिट (Orbit) में बदलते रहती है इसी कारण हर दिन आसमान में स्टार्स की पोजीशन भी चेंज होते रहती है. इस से उनके दिमाग में एक आईडिया ये आया के किसी एक स्टार की पोजीशन को याद करलो जब पृध्वी घूमकर वो स्टार के पास आजाये थो समझलो एक साल गुज़र गया.

मिस्र का कैलेंडर (Egyptian calendar):

अब इस सोलर सिस्टम को पहली बार मिस्र (Egypt) के लोगों ने उपयोग करना शुरू किया. उस ज़माने के लोगों ने सिरियस (Sirius) (डॉगस्टार) नाम के स्टार को देखा के ये स्टार सुबह सूरज निकलने से पहले और नील नदी की बाड़ आनेसे पहले दिखा करता. जिसे उन्होंने साल के पहले महीने का पहला दिन बनादिया था. इस स्टार से उनको अंदाज़ा हो जाता के एक साल हो गया है. इस तरह उनको पता चला के एक साल में 365 दिन होते है. जिसे उन्होंने 12 महीनो में बाँट दिया और हर महीने में 30 दिन और बचे 5 दिन साल के अंत में जोड़ दिया.

लेकिन उन्होंने एक चीज़ ये गौर किया के हर चार साल बाद सिरियस (Sirius) स्टार एक दिन बाद दिखने लगा. क्यों की हमारा साल वास्तव में 365 दिन नहीं है बल्कि उससे खरीब 6 घन्टे ज़्यादा है. जिससे उनका कैलेंडर पीछे होता चलाजाता लेकिन इसके लिए उन्होंने कुछ सुधार नहीं किया.

इसके मुताबिक हर 1460 साल के बाद सिरियस (Sirius) स्टार साल के पहले महीने के पहले दिन आता.

Islamic Calendar:

अब दूसरी तरफ इस्लाम में लुनार कैलेंडर को फॉलो करते थे. जिसमे हर महीने में 29.5 दिन होते है और साल के 354 दिन होते है जिससे खरीब एक साल में 11 दिन की कमी आती थी. जिससे मौसम में बदलाव आता और हर 32 साल के बाद वही दिन से साल की शुरुवाद होती.

कुछ दुसरे लूनर कैलेंडर्स में एक अधिक महीने को जोड़ दिया जाता ताकि सोलार इयर (Solar Year) के बराबर हो जाये. जिसके उदाहरण मेसोपोटामिया (Mesopotamia) और रिपब्लिकन रोम ( republican Rome ), और यहूदी कैलेंडर है.

Roman Calendar:

अब इसके बाद करीब 753 BC में रोमन कैलेंडर की शुरुआत रोम्यूलस के राजा ने किया था जो एक लुनिसोलर (lunisolar) कैलेंडर था. जो सूरज और चाँद को आधार करके बनाया गया था. जिसमे 304 दिन हुआ करते थे. जो सिर्फ 10 महीनो का था और एक हफ्ते में 8 दिन हुआ करते थे. बाकी 61 दिन के कोई डेडिकेटेड (dedicated) महीना नहीं था. और ये साल मार्च में शुरू हुआ करता था.

अगर महीनों की बात करें तो महीने के शुरू दिन को कलेन्डस (kalends) बोला जाता था. वही आगे जाके कैलेंडर बनगयाऔर शुरू के चार महीनों के नाम रोमैंस के देवताओं के नाम थे. बाकी महीनो के नाम नंबर्स को लेकर रखा गया जैसा के Oct का मतलब 8 है. लेकिन ये कैलेंडर सही नहीं था इसलिए स्प्रिंग सीजन (Spring season ) में बदलाव आया करते.

Numa Pompilius :

क़रीब 713 B.C में सेकंड किंग नुमा पोम्पिलियस ( Numa Pompilius ) ने कैलेंडर में सुधार किया और जो दिन दिसम्बर के बाद खली थे उनको भी 2 महीनो में बाँट दिया जिनके नाम जनुअरी और फेब्रुअरी रखा. और हर महीने को ओड (Odd) नंबर्स के साथ बाँट दिया क्योंकी ओड नंबर्स शुभ माने जाते थे.

इस कैलेंडर के मुताबिक एक साल में 355 दिन हुआ करते थे.अब ये कैलेंडर भी सही नहीं था. मौसम और महीनो में फ़र्क होजाता था. इसलिए अधिक दिन फेब्रुअरी के बाद जोड़ देते जिसे इंटरकलशन ( intercalation ) कहते है. और हर चार साल को 355 – 377 – 355 -378 दिन में बाँट दिया जिसका औसत 365.25 होता जो काफी हद तक सही था.

अब उस वक़्त जान और फेब साल के एन्ड में हुआ करते थे. 450 bc के बाद जनवरी और फेबुअरी को साल के शुरू में जोड़ दिया गया. कैलेंडर सिस्टम का नियंत्रण उस ज़माने के प्रीस्ट (पुजारी) के पास था. इस वजह से जंगों के वक़्त और पोलिटिकल बेनिफिट्स के लिए कभी साल की लंबाई को बड़ादिया जाता तो कभी कम किया जाता था. जिसकी वजह से वापस केलिन्डर में सारी गड़बड़ होगयी.

Julian calendar :

अब इसके बाद 46 BC में किंग जूलियस ने कैलेंडर में हुई सारी गड़बड़ को देख कर सब से पहले साल के 365 दिन करदिया था. जो Egyptian के केलिन्डर को देख कर बनाया गया.

एक लीप ईयर(Leap year) 366 दिन का बनाया. जिस वक़्त ये केलिन्डर बना था उस वक़्त मौसम और महीनो के बीच 3 महीनो का अंतर था इसलिए जूलियस ने 46 BC को 445 दिन का बनाया और 45 BC से नए केलिन्डर की शुरुवात हुई. जिसे जूलियन कैलेंडर कहते है. जूलियस सीज़र के मौत के बाद क्विंटिलिस को जूलियस करदिया गया.


8 BC में सेक्सटिलिस को किंग ऑगस्टस के नाम से अगस्त महीने को रखा गया था. इस महीने को 30 से 31 करदिया गया था.अब कुछ साल ये सिस्टम सही चलरहा था लेकिन सुधार भी ज़रूरी था क्यों की हमारा सोलर ईयर 365 दिन 6 घंटे नहीं बल्कि 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट्स और 46 सेकण्ड्स है. अगर इसे करेक्शन नहीं किया गया तो हर 130 साल के बाद एक दिन का अंतर आता.

Gregorian calendar :

क्यों की हर साल 11 मिनट्स 14 सेकण्ड्स एक्स्ट्रा जोड़ किया गया था. 16th सेंचुरी तक कैलेंडर में 10 दिन का अंतर आगया था. जिसका हल पोप ग्रेगोरी (Gregory) के यहाँ के विद्वान निकला था. जिसके मुताबिक अगर लीप ईयर 400 से डिवाइड होता तो उसको लीप ईयर मनाया गया था. बाकी 1900,1800,1700 को लीप ईयर नहीं मानागया था. अब इस उपाय के बाद दिनांक को अचानक से 10 दिन आगे करदिया गया था. Thursday Oct 4 1582 से सीधे Oct 15 1582 को बदल गया था. कुछ देश इसे स्वीकार नहीं किया लेकिन वक़्त के साथ सरे देश अपने रिलीजियस केलिन्डर के साथ इस केलिन्डर को देश करना शुरू किया.

Why Feb has 28 days ?

अब बहुत सारे लोगों को ये सवाल आता है के क्यूँ फेब में 28 डेज होते है ? असली रीज़न किसीको नहीं पता लेकिन कुछ theories के मुताबिक ये एक पूरीफिकेशन (purification) का महीना था इसलिए इसे 28 दिन बनाया गया था.

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