साइकिल का आविष्कार किसने किया – Who invented cycle in Hindi

बाइसिकल या साइकिल एक ऐसा आविष्कार है जो शुरू ज़माने से लोग इस्तेमाल करते आरहे है. आज की दुनिया में पेट्रोल और डीजल के गाड़ियों के आने के बाद लोग साइकिल को इस्तेमाल करना छोड़ दिए है. आज के ज़माने में छोटे बच्चे थो साइकिल चलाते ही है लेकिन उमर में बड़े लोग भी स्पोर्ट्स के लिए और साइकिलिंग करके अपने सेहत को बनाते है.

इंसान की ज़रूरत ही उसको एक नए आविष्कार बनाने में मजबूर कर देती है. साइकिल के मामले में भी ऐसा ही हुआ है.  

History of cycle (साइकिल का इतिहास) :

साइकिल का सबसे पहला मॉडल किसने बनाया ये एक बहज का मुद्दा है क्यों की साइकिल के आविष्कार में एक से ज़्यादा लोगों का योगदान रहा है.

15 वीं सदी में गिओवन्नी फोंटाना (Giovanni Fontana ) नामी एक इंजीनियर ने 4 पहियों का एक ऐसा वाहन बनाया जो रस्सी के और गियर्स के सहारे चला करता था.

15 से 19 वीं सदी तक एक लम्बे समय तक साइकिल के बनावट में कोई भी सुधार नहीं हुआ था.19 वीं सदी में खुदरत का एक कहर ने साइकिल के आविष्कार में मददगार बना.

1815 में इंडोनेशिया के सम्भवा द्वीप में तम्बोरा नाम के पहाड़ से ज्वाला मुखी फटा था.उस वक़्त वहां के फसल और जानवरों का बहुत सा नुक्सान हुआ था. उस समय एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए कोई साधन बचा ही नहीं था. उस जगह के लोग भुकमरी के शिकार होने की वजह अपने घोड़ों को काट दिया था.

पहली साइकिल का आविष्कार :

इन सब हालात को देखते हुए 1817 में पहली बार जर्मनी के कार्ल ड्रैस (Karl Drais) नामी एक सिविल सर्वेंट ने साइकिल का आविष्कार किया था.उस वक़्त इसे रन्निंग मशीन, ड्रैसिएनने, डांडी हॉर्स और वेलोसिपेडे जैसे अलग अलग नाम से जाना जाता था.

1817 में बनायीं गयी ये साइकिल दुनिया की सबसे पहली साइकिल है. ये साइकिल को लकड़ी से बनाया गया था.इस साइकिल को दोनों पैरों से धक्का मारके चलाया जाता क्यों की इस साइकिल को पेडलस नहीं थे. इस साइकिल के अगले हिस्से में लगी हैंडल से इसको कंट्रोल किया जाता.

इस साइकिल को खराब रास्तों में चलाना बहुत मुश्किल होजाता इसलिए लोग धीरे धीरे इस को चलाना बंद करदिया.करीब 45 साल बाद स्टील के पहियों के साथ साइकिल को बनाया गया था जिसे बोन शेकर (bone shaker) के नाम से जाना जाता था.

स्टील के पहिये होने के कारण खराब रास्तों में चलाने वाले आदमी को पूरे तरीकेसे हिला देती. इस साइकिल में सामने वाले पहियों को पैडल्स को लगाया गया था.

1870 साल  में बनायीं गयी साइकिल को रबर टायर्स के साथ बनाया गया था और साइकिल के सामने वाले पहिये को बड़ा करदिया गया था.

सामने वाले पहिये को ही पैडल्स हुआ करते थे. साइकिल का सामने वाला टायर बड़ा करने का कारण ये था की जितना बड़ा पहिया होगा उतने कम पडलेस में ज़्यादा दूर साइकिल जाएगी.

उस ज़माने में इस चीज़ का एहसास होने में देर नहीं लगा कि हादसा होने पर जब आदमी इतने ऊपर से गिरेगा तो काफी चोट आ सकती है. इस साइकिल के मॉडल से ही बाइसिकल नाम इस्तेमाल करना शुरू हुआ था.

सेफ्टी साइकिल : 

बॉल बियरिंग्स, कैलिपर ब्रेक और चैन का अविष्कार मॉडर्न साइकिल के लिए मददगार बने. जॉन केम्प स्टारले (John Kemp Starley) ने 1885 में साइकिल के दोनों पहियों को समान आकार में रख कर साइकिल को बनाया था जिसे “सेफ्टी बाइसिकल” के नाम से जाना जाता था.

इस साइकिल में ब्रेक्स,चैन और पहिये सामान अकार रहने की वजह से हदीसे कम होते इसलिए इसको सेफ्टी बाइसिकल नाम रखा गया था.

1888 में हवा से भरे जाने वाले टायर्स के इस्तेमाल के बाद खराब रास्तों पर भी आसानी के साथ सफर किया जाता था. जिस साइकिल पर लोग बैठने डरा करते थे उसी साइकिल को लोग अपने रोज़ मर्रा के कामों के लिए इस्तेमाल किया था.

एक जगह से दूसरी जगह को जाने के लिए साइकिल एक सवारी के तौर पर उपयोग करना शुरू किया गया.

आज के ज़माने में साइकिल में अलग अलग प्रकार के किस्मे आगयी है. ओलंपिक्स में खेले जाने वाले खेलों में साइकिलिंग को भी जोड़ा गया है.

Leave a Comment