ग्रामोफ़ोन आज के ज़माने में बहुत कम लोग इस्तेमाल करते है या न के बराबर इस्तेमाल करते है. लेकिन एक ज़माने में संगीत सुनने के लिए ग्रामोफ़ोन का ही इस्तेमाल किया जाता था.
ग्रामोफ़ोन से पहले प्रदेसेस्सोर्स फोनऑटोग्राफ (Phonautograph), पलियोफोन (Paleophone) को बनाया गया था.
फोनऑटोग्राफ :
कोई भी अविष्कार बस एक आईडिया को लेकर शुरू होता है, ग्रामोफ़ोन के साथ भी ऐसा ही हुआ है. फोनऑटोग्राफ ही एक ऐसा डिवाइस मानाजाता है जो दुनिया के आवाज़ों को म्यूजिक को रिकॉर्ड करनेवाला पहला डिवाइस था.
फोनऑटोग्राफ को फ्रेंच के अविष्कारक मार्टिनविल्ल (Édouard-Léon Scott de Martinville ) ने अविष्कार किया था. इस डिवाइस को 1857 में पेटेंट किया गया था. इस डिवाइस में सिर्फ रिकॉर्ड करने का ऑप्शन था बस इन रिकॉर्डिंग्स सुनने का कोई ऑप्शन नहीं था.
किसीको नहीं मालूम था उन रिकॉर्डिंग्स में क्या है, लेकिन 2008 में मॉडर्न टेक्नोलॉजी के सात उन रिकॉर्डिंग्स को सुना गया था. इस डिवाइस में साउंड डायाफ्राम से ट्रेवल होकर ब्रिस्टल (Bristle) तक पहुँचता था.
ब्रिस्टल एक वाइट पेपर से जुड़ा हुआ होता था, ये वाइट पेपर एक सिलिंडर आकार में लिपटा हुआ होता था. जब सिलिंडर को घुमाया जाता तो उसके सात पेपर शीट भी घूमता था.
पेपर शीट को लगा हुआ स्टाइलस, आवाज़ को पेपर पर निशान के रूप में बना था था. इस अविष्कार से स्कॉट (Scott) को कोई फायदा नहीं पहुंचा, कोई पैसे नहीं कमाए लेकिन स्कॉट के आविष्कार से बाद में आने वाले लोगों को सहूलत बनगयी थी.
पलियोफोन (Paleophone) :
फोनऑटोग्राफ में आवाज़ को रिकॉर्ड करने के बाद सुनने का ऑप्शन न होने के कारण, चार्ल्स क्रोस (Charles Cros ) नाम के अविष्कारक ने एक ऐसे डिवाइस को बनाने का सोचा जिसमे आवाज़ को रिकॉर्ड करने के बाद सुन भी सके.
इस डिवाइस को क्रॉस ने बनाया तो नहीं था लेकिन उनकी एक थ्योरी थी जिस से आवाज़ को सुना भी जा सकता था. अपने इस डिवाइस को चार्ल्स ने पलियोफोन नाम रखा था.
थॉमस अल्वा एडिसन :
पहले किये गए अविष्कार की मदद से थॉमस अल्वा एडिसन ने 1877 में एक ऐसा डिवाइस को बनाया जिसके ज़रिये आवाज़ रिकॉर्ड कर सकते थे और सुन भी सकते थे.
एडिसन ने इस डिवाइस को फोनोग्राफ नाम रखा था. एडिसन ने इस डिवाइस को टेलीग्राफ और टेलीफोन के अवाज़ों को रिकॉर्ड करने के लिए बनाया था.
एडिसन ने अपने अविष्कार को टिन फॉयल पेपर, दइअफ्रैम , सिलिंडर, स्टाइलस के ज़रिये बनाया था. जब दइअफ्रैम के पास आवाज़ की जाती तो साथ ही सात सिलिंडर को घुमाया जाता था.
इस सिलिंडर के ऊपर टिन फॉयल लपेटा हुआ होता था. आवाज़ की विब्रेशन्स की वजह से स्टाइलस टिन फॉयल पेपर पर निशान लगता था. ये एक बेसिक तरीखा है आवाज़ को रिकॉर्ड करने के लिए, जब रिकॉर्ड की गयी आवाज़ सुनना होता तो वही प्रोसीजर को रिवर्स फॉलो करते थे.
बस फर्क इतना था इस बार स्टाइलस के विब्रेशन्स की वजह से दइअफ्रैम आवाज़ को रेप्रोडूस करता था. एडिसन ने उस वक़्त डिस्क से सिलिंडर वाले शेप को बेहतर डिवाइस समझा.
1877 में पहली बार थॉमस एडिसन ने फोनोग्राफ का आविष्कार किया था. साल 1880 में एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के वोल्टा लेबोरेटरी में पहले वाले फोनोग्राफ में बदलाव करके ग्राफोफोने को बनाया गया था.
साल 1894 में एमिली बर्लिनर (Emile Berliner) नाम के अविष्कारक ने सिलिंडर शेप कार्डबोर्ड को फ्लैट डिस्क के रूप में बदल दिया था. बर्लिनर ने ही डिस्क रिकॉर्ड प्लेयर्स के लिए ग्रामोफ़ोन नाम को रखा था. उस वक़्त से ग्रामोफ़ोन नाम हर जगह इस्तेमाल शुरू होने लगा था.