History of Coffee:
हमारी हर सुबह की शुरुवात में पिए जानेवाली और दुनिया में बहुत सारे लोगों की पसंद और चाय के बाद सब से ज़्यादा पिए जाने वाली चीज़ कॉफ़ी है.
अब इस कॉफ़ी की शुरुवात कहा से हुई ? और इसका मज़ा पहली बार किसने चका ? किस साल में इस कॉफ़ी को डिस्कवर किया गया ? और ये कॉफ़ी हम तक कैसे पहुंची ?
कॉफ़ी की शुरुवात इथियोपिया (Ethiopia) में हुई थी. अब इसका मज़ा पहली बार किसने चका इसका जवाब देना थोड़ा मुश्किल है.
अबू अल हसन इथियोपिया सफर करते हुए एक परिंदे को देखा जो कॉफ़ी बेर्रिज़ (Berries) को खा रहा था. जिसके खाने के बाद परिंदे के अंदर अलग सा बदलाव देखा और जब उन्होंने इसे खाया थो अपने अंदर एनर्जी (Energy) महसूस किया था.
Coffee in Yemen :
कुछ किताबों में इस तरह लिखा है शेख अबुल हसन के शागिर्द उमर ने मोचा (Mocha) से ousaab पहाड़ को पहुंचा थो भूक लगने पर कॉफ़ी बेर्रिज़ को उबाल कर पिया थो उसका स्वाद बहुत अच्छा लगा. इस तरह यमन में कॉफ़ी की शुरुवात हुई.
एक और कहानी इस तरह है 9 वि सदी में इथियोपिया में बकरियों के चरवाह ने देखा, कॉफ़ी बेर्रिज़ को खाने के बाद बकरियों में अजीब सा बदलाव आया और जब खुद उसे खाया थो अपने अंदर भी एनर्जी महसूस करने लगा.
कॉफ़ी का नाम अरबिक शब्द क़हवा से लिया गया जिसका मतलब पिने वाली चीज़ है. कॉफ़ी बीन्स इथियोपिया से यमन को एक्सपोर्ट (Export)किया गया था.सबसे पहले यमन में कॉफ़ी को पीना शुरू किया.उस ज़माने में रात के वक़्त जागकर इबादत करने के लिए इस कॉफ़ी को पिया जाता था.
Coffee in Middle East:
धीरे धीरे पूरे अरब में कॉफ़ी को पिने लगे यहाँ तक के मेक्का मदीना और बड़े बड़े शहरों में कॉफ़ी पीना शुरू किया था. 1511 में मक्का के इमामों ने कॉफ़ी को पिने से मना किया, उन्होंने सोंचा शायद इसके अंदर शराब वाली खासियत हो लेकिन बाद में 1524 में ओट्टोमन (Ottoman) साम्राज्य से ये फतवा जारी हुआ के इस कॉफ़ी को पिया जा सकता है.
18 वि सदी के समय इथियोपिया में भी इसी तरह कॉफ़ी को पिने से एक चर्च ने ईसाइयों को इसलिए मन किया के ये मुसलमानों की ड्रिंक है. इसके चलते जब वहा के राजा ने खुद इस कॉफ़ी को पीना शुरू किया थो सारे ही लोग पिने लगे थे.
धीरे धीरे कॉफ़ी ottoman साम्राज्य को पहुंची और वहासे इटली फिर यूरोप पहुंची. यूरोप में कॉफ़ी से पहले बियर पीने का रिवाज था. कॉफ़ी के अनेके बाद सब कॉफ़ी पिने लगे. और इसी कॉफ़ी शॉप्स में लोग बैठ कर धार्मिक और राजनीति के विषयों पे चर्चा करते.
Coffee in India :
1670 में इंडिया के बाबा बुदन हज यात्रा से वापस आते समय अपने साथ 7 कॉफ़ी बीन्स को ले आये. शुरू में यमन से कॉफ़ी बीन्स का एक्सपोर्ट करना गैर कानूनी था सिर्फ भुना हुआ कॉफ़ी बीन्स एक्सपोर्ट हुआ करते थे. क्यों की यमन के व्यापारी ये नहीं चाहते थे की कोई और इस कॉफ़ी बीन्स को ले जाकर पेड़ लगाए.
बाबा बुदन ने पहली बार कर्नाटका में इसके पेड़ लगाए। थो ऐसे कॉफ़ी हम तक पहुंची.